आचार - विचार, रहन - सहन सभी क्रियाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला
है ! जिसके लिए सम्पूर्ण विश्व तैयारी कर रहा है, उससे पूर्व मुझे स्वम को
परिवर्तित करना होगा अपने व्यक्तित्व में जिससे विश्व में आ रहे परिवर्तन
में मैं भी अपनी भूमिका सक्रिय रूप से रख सकू ! क्योंकि जब तक हम स्वम ना
बदले तब तक दुनियां बदलना नामुमकिन है !
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